रांची। झारखंड में नगर निकायों के चुनाव दिसंबर-जनवरी में कराए जा सकते हैं। नगर विकास विभाग 14 अक्टूबर को हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर चुनाव की संभावित तिथि बताएगा। विभाग ने ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट, आरक्षण प्रक्रिया और प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही खत्म हो चुका है। उसके बाद से चुनाव लंबित हैं
पिछड़ों के आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट
झारखंड सरकार ने नगर निकायों में पिछड़ों को आरक्षण देने का फैसला किया है। आरक्षण का प्रतिशत तय करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से ट्रिपल टेस्ट सर्वे कराया गया है।
- पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी 48 नगर निकायों में डोर-टू-डोर सर्वे कराया था।
- रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी संत जेवियर कॉलेज, रांची को निविदा के माध्यम से दी गई थी।
- 21 अगस्त को कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. फादर रॉबर्ट प्रदीप कुजूर ने आयोग को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
- रिपोर्ट तैयार करते समय मध्य प्रदेश के ट्रिपल टेस्ट मॉडल का अध्ययन कर उसे झारखंड के संदर्भ में लागू किया गया।
- रिपोर्ट में निकायवार पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग मतदाताओं की संख्या दर्ज है।
- इसी रिपोर्ट के आधार पर 48 निकायों में आरक्षण तय किया जाएगा।
ऐसे बढ़ रही है प्रक्रिया
- ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट अब विधि, कार्मिक और वित्त विभाग को भेजी जा रही है।
- इन विभागों से स्वीकृति मिलने के बाद रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
- कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर राज्य निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट सौंपकर अधिसूचना जारी की जाएगी, जिससे चुनाव प्रक्रिया शुरू हो सके।
चुनाव नहीं कराने से रुका केंद्रीय फंड
- झारखंड सरकार को मार्च 2026 तक निकाय चुनाव कराना ही होगा।
- ऐसा नहीं करने पर 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत राज्य को केंद्र से तीन वित्तीय वर्षों (2023-24, 2024-25, 2025-26) की अनुदान राशि नहीं मिलेगी।
- 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने मई में रांची दौरे के दौरान कहा था कि
- यदि इस वर्ष चुनाव होते हैं, तो केंद्र से रोकी गई राशि जारी की जाएगी।”
- राज्य का लगभग 2000 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान चुनाव नहीं होने के कारण लंबित है।
- यह राशि नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए स्वीकृत होती है।
जिला स्तर पर प्रशासनिक तैयारी
- नगर विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों (DCs) को चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दे दिया है।
- जिलों में मतदाता सूची का बूथवार विखंडन और मतदान केन्द्रों का सत्यापन जारी है।
- 1400 से अधिक मतदाता वाले बूथों को पुनर्गठित किया जा रहा है ताकि किसी एक मतदान केन्द्र पर अधिक भीड़ न हो।
राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के बाद रफ्तार
- लंबे समय से खाली चल रहे राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर हाल ही में सेवानिवृत्त मुख्य सचिव अलका तिवारी की नियुक्ति हुई है।
- इससे चुनाव कराने की प्रक्रिया को संस्थागत बल मिला है।
संभावित चुनाव तिथि
- प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा।
- जानकारों के अनुसार, चुनाव नवंबर के बाद ही संभव हैं।
- अनुमान है कि दिसंबर मध्य से जनवरी के बीच झारखंड में नगर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।