गुमला: झारखंड के गुमला जिले में नवजात शिशुओं की खरीद-बिक्री के सनसनीखेज मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में दोषी पाए जाने पर तीन स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त किया गया है। जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर पूरे रैकेट की गहन जांच शुरू कर दी है।
बर्खास्त स्वास्थ्यकर्मी:
- रायकेरा प्रखंड की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रिमझिम लकड़ा
- ग्रामीण बीटीटी दीदी सुमन कुजूर
- सहिया पा र्वती देवी
- तीनों को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी गुमला के आदेश से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किया गया।
प्रशासनिक कार्रवाई:
- उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने मामले का संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति की अध्यक्षता गुमला अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे।
- सदस्य – सिविल सर्जन और रायडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी।
- समिति को दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश।
मामले की पृष्ठभूमि:
- तीन दिन पहले नवजात शिशुओं की बिक्री से जुड़ी दो घटनाएं सामने आईं।
- पहला मामलाः मोकरो गांव (रायडीह थाना क्षेत्र) की एक युवती प्रेम संबंध के कारण गर्भवती हुई। उसने छत्तीसगढ़ में बच्चे को जन्म दिया, फिर रांची लाई गई। उसका नवजात ओडिशा ले जाकर बेच दिया गया
- दूसरा मामला: कुडो छत्तरपुर गांव की सुमन एक्का को 10 सितंबर को सीएचसी रायडीह में भर्ती कराया गया। सुबह 6:45 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया। बीटीटी दीदी सुमन कुजूर ने उसे बहकाकर बच्चे को बेचने के लिए तैयार किया। शिशु बिक्री का सौदा स्टांप पेपर पर हुआ, जिसमें खरीदारों के हस्ताक्षर भी करवाए गए। सौदे में बड़ी रकम का लेन-देन हुआ था। पैसों के बंटवारे पर विवाद होने से रैकेट का भंडाफोड़ हुआ।