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अविनाश कुमार आखिर क्यों बनाए गए झारखंड के मुख्य सचिव

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रांची। झारखंड सरकार ने आईएएस अविनाश कुमार को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। उन्हें कई अन्य महत्वपूर्ण पदों का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। इससे पहले इस पद पर 1988 बैच की आईएएस अलका तिवारी कार्यरत थीं।

अविनाश कुमार को जानिए

  • 1993 बैच के आईएएस हैं अविनाश कुमार
  • मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी (मां जानकी की जन्मभूमि) जिले के निवासी हैं।
  • पिता तपेश्वर नारायण ठाकुर झारखंड के बोकारो स्टील में इंजीनियर थे। रिटायरमेंट के बाद पूरा परिवार वहीं रहता है।
  • इनके बड़े भाई अमिताभ ठाकुर आईपीएस रहे हैं। यूपी में पोस्टिंग थी। डीआईजी पद पर कार्य करते हुए रिटायरमेंट ले ली। दोनों भाइयों में आईआईटी, कानपुर से पढ़ाई की।
  • आईएएस बनने के बाद पहली पोस्टिंग संयुक्त बिहार में भोजपुर के एसडीएम के रूप में मिली। इसके बाद पश्चिमी सिंहभूम, बेगूसराय, देवघर, लखीसराय में डीएम-डीसी रहे। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद झारखंड कैडर चुना। दुमका और रांची के भी डीसी रहे।
  • बने रहेंगे सीएम के अपर मुख्य सचिव
  • वह मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव और नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के मुख्य स्थानिक आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगे।

इससे पहले उनके पास निम्नलिखित पदों का प्रभार था:

  • विकास आयुक्त
  • झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक
  • झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक

अजय कुमार सिंह की जिम्मेदारी

वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह को विकास आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।

पिछली मुख्य सचिव

1988 बैच की आईएएस अलका तिवारी पहले मुख्य सचिव थीं।
कार्यकाल: 1 नवंबर 2024 – 30 सितंबर 2025

क्यों बने मुख्य सचिव?

  • अविनाश कुमार मुख्य सचिव बनने वाले तीसरे नंबर पर थे, क्योंकि उनके ऊपर दो सीनियर आईएएस अधिकारी हैं:
  • शैलेश कुमार सिंह (1991 बैच, वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर)
  • निधि खरे (1992 बैच, वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर)

चूंकि ये दोनों अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, इसलिए वर्तमान में मुख्य सचिव का पद संभालने के लिए उपलब्ध नहीं थे।

  • अविनाश कुमार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भरोसेमंद अफसरों की सूची में शामिल हैं, जिससे उनकी नियुक्ति सहज हुई।
  • अन्य संभावित उम्मीदवार जैसे अजय कुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह और नितिन मदन कुलकर्णी उनकी तुलना में कनिष्ठ हैं, इसलिए प्रशासनिक और वरिष्ठता के दृष्टिकोण से अविनाश कुमार को प्राथमिकता दी गई।
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