अलका तिवारी बनीं झारखंड की निर्वाचन आयुक्त, जानिए इसके मायने

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रांची। झारखंड की मुख्य सचिव के पद से 30 सितंबर, 2025 को रिटायर हुईं अलका तिवारी को राज्य सरकार ने अगले ही दिन यानी 1 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त कर दिया। यह पद 23 मार्च, 2025 खाली था। उनकी नियुक्ति को लंबे समय से लंबित नगर निकाय चुनावों की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। इसकी अधिसूचना पंचायती राज विभाग की ओर से जारी की गई है।

यह पद क्यों अहम है?

  • राज्य निर्वाचन आयुक्त पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराते हैं।
  • तीन साल से टल रहे नगर निकाय चुनाव अब तेजी पकड़ सकते हैं।

पद पर पहले कौन थे?

  • इससे पहले उनके पति और रिटायर्ड आईएएस डीके तिवारी इस पद पर थे।
  • उनका कार्यकाल 22 मार्च, 2025 खत्म होने के बाद से यह पद खाली पड़ा रहा।

कार्यकाल और नियम

  • अलका तिवारी को चार साल के लिए नियुक्त किया गया है। अगर इसके पूर्व वह 65 साल की उम्र पूरी कर लेती हैं तो उनका कार्यकाल स्वतः समाप्त हो जाएगा।
  • सेवाशर्तें 2001 की नियमावली और संशोधनों के अनुसार तय होंगी।

अलका तिवारी का अनुभव

  • 1988 बैच की आईएएस अधिकारी।
  • नीति आयोग, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राज्य में ग्रामीण विकास व सामाजिक कल्याण विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं।
  • 1 नवंबर 2024 से 30 सितंबर 2025 तक झारखंड की पहली महिला मुख्य सचिव रहीं।

सीएस पद पर अलका तिवारी की जगह अविनाश कुमार

  • अलका तिवारी के बाद 1993 बैच के आईएएस अविनाश कुमार को नया मुख्य सचिव बनाया गया।
  • वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अपर मुख्य सचिव और दिल्ली स्थित झारखंड भवन के अपर स्थानिक आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।

अलका तिवारी की नियुक्ति न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह झारखंड में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में भी बड़ा कदम मानी जा रही है।

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